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गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन - माँ तारा की कथा | | Gupt navratri ki katha | | Mahavidya Tara ki katha

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Published 12 Jul 2021

गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन - माँ तारा की कथा || Gupt navratri ki katha || Mahavidya Tara ki katha #GuptNavratrikikatha #माँताराकीकथा #Mahavidya Navratri katha - गुप्त नवरात्रि की कथा | Gupt navratri ki katha | गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन - माँ तारा की कथा || Gupt navratri ki katha || Mahavidya Tara ki katha ॐ ऐं ह्रीं क्लीं दसगुणात्मिकायै चामुंडायै प्रसीद प्रसीद दुर्गादेव्यै नमः॥ नमस्कार दोस्तों, आज 12 जुलाई 2021 गुप्तनवरात्रि के दूसरे दिन मैं आप सभी के समक्ष मां तारा देवी की कथा प्रस्तुत कर रही हूं। सबसे पहले आप सभी को माघ गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन की हार्दिक शुभकामनाएं। गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन मां तारा देवी की पूजा अर्चना की जाति है। मां तारा देवी के अवतार की कहानी समुद्र मंथन (समुद्र मंथन) की कथा से जुडी हुई है । एक समय अमृत की प्राप्ति के लिए देवताओं और दैत्यों ने समुद्र का मंथन किया था।| जब समुद्र मंथन आरम्भ हुआ तो सबसे पहले समुद्र से हलाहल विष निकला। उस विष की ज्वाला से सभी देवता तथा दैत्य जलने लगे और उनकी कान्ति फीकी पड़ने लगी। इस पर सभी ने मिलकर भगवान शंकर की आराधना शुरू कर दी। उनकी प्रार्थना पर महादेव जी उस विष को हथेली पर रख कर उसे पी गये किन्तु उसे कण्ठ से नीचे नहीं उतरने दिया। उस कालकूट विष के प्रभाव से शिव जी का कण्ठ नीला पड़ गया। इसीलिये महादेव जी को नीलकण्ठ कहते हैं। इस तरह भगवान शिव ने दुनिया को विनाश से बचाया, लेकिन विष के शक्तिशाली प्रभाव से महादेव जी के गले में जलने से होने वाली पीड़ा रुकने का नाम नही ले रही थी | तब देवी भगवती मां तारा के रूप में प्रकट हुईं और भगवान शिवजी ने शिशु का रूप लिया | देवी भगवती मां तारा के रूप में शिव को अपनी गोद में ले लिया और भगवान शिव को अपना अमृतमय दुग्ध स्तन पान कराया| फलस्वरूप, भगवान शिव को पीड़ा से मुक्ति मिल गई, लेकिन मां तारा देवी के शरीर पर हलाहल का असर हुआ जिसके कारण वह नीले वर्ण की हो गयी तारा मा जगत जननी माता के रूप में तथा घोर से घोर संकटो कि मुक्ति हेतु प्रसिद्ध हुई। जिस प्रकार इन महा शक्ति ने, शिव के शारीरक कष्ट का निवारण किया, वैसे ही ये देवी अपने उपासको के घोर कष्टो और संकट का निवारण करती हैं। गुप्त नवरात्रि में मां काली, तारादेवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, छिन्न माता, त्रिपुर भैरवी मां, धुमावती माता, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी इन 10 देवियों का पूजन करते हैं। आइए शुरू करते हैं गुप्त नवरात्रि की कथा Good Morning All, Today on 12 july 2021, I am presenting video of Gupt Navratri Vrat Katha, Puja Vidhi, and Mahatva . In this video, we tried to explain gupt navratri puja vidhi and about dus mahavidya who are swaroop of Adi Shakti Bhawani. Magh Maas Shukla Paksha begins with gupt navratri and people pray to ten mahavidya who are different roop of Devi Durga. Maa Durga always bless her devotees like a mother feed to her babies. Lets watch Gupt Navratri ki kahani day 2, Gupt Navratri Vrat Katha-day2, Gupt Navratri Mantra, Gupt Navratri ke dusre din ki katha, Gupt Navratri Mahavidya Tara Ki Katha, Gupt Navratri ki 10 Mahavidya........ #गुप्तनवरात्रि #guptnavratri #ashadhguptnavratri #guptnavratri2021

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